गुरुग्राम में ट्रांसपोर्ट माफियाओं का बड़ा खेल, सरकारी गाड़ियों में GPS लगाकर कर रहे थे जासूसी
गुरुग्राम में ओवरलोडेड गाड़ियों को चलाने वाले ट्रांसपोर्ट माफियाओं के एक बड़े खेल का भांडाफोड़ हुआ है, जिसमें पता चला है कि माफिया सरकारी अधिकारियों की 24 घंटे जासूसी कर रहे थे ।
Gurugram News Network – अब तक देश के कई इलाको में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी की खबरे तो आपने बहुत पढी या देखी होंगी लेकिन दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम से खनन माफियाओं और ट्रांसपोर्ट माफियाओं ने RTA विभाग की सरकारी गाड़ी में ही GPS लगा दिया और फिर सरकारी अधिकारियों की 24 घंटे जासूसी करने लगे । इस जासूसी से माफियाओं RTA ऑफिस की रेडिंग पार्टी की लोकेशन के बारे में पुख्ता जानकारी होती और जब सरकारी टीम ओवरलोडेड डंपर, अवैध प्राइवेट बसों पर छापा मारने के लिए निकलते तो माफिया उस रास्ते जाते ही नहीं जहां पर RTA की टीम होती ।
दरअसल गुरुग्राम RTA ऑफिस द्वारा शिवाजी पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दी गई है जिसमें कहा गया है कि पिछले काफी दिनों से जब RTA दफ्तर की टीम ओवरलोडेड गाड़ियों को पकड़ने के लिए गुरुग्राम के किसी भी इलाके में जाती तो उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ता क्योंकि सड़कों से ओवरलोडेड गाड़ियां गायब मिलती । जब कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा तो RTO ने अपने स्टाफ से कहा कि उन सरकारी गाड़ियों को गहनता से जांचा जाए जिन गाड़ियों से रेड करने के लिए जाते हैं ।
RTA दफ्तर के स्टाफ ने कई घंटों की कड़ी मेहनत की और जब उन्होंने दो सरकारी महिंद्रा बोलेरो गाड़ियों को चेक किया तो उनके भी होश उड़ गए । RTA स्टाफ ने पाया कि बोलेरो गाड़ी के पिछले टायर के साथ डीज़ल टैंक पर चुंबक के सहारे किसी ने GPS लगाया हुआ है । दोनों ही गाड़ियों के डीज़ल टैंक पर इसी तरह GPS लगा हुआ मिला । जब RTO को ये जानकारी दी गई तो वो भी ये सुनकर हैरान हो गए ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार RTA ऑफिस के कर्मचारी ट्रांसपोर्टरों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में 3 हज़ार रुपए देकर शामिल हुए । उस ग्रुप में बाकायदा RTA दफ्तर की इन दोनों गाड़ियों की लोकेशन मिलती है ताकि जब टीम ओवरलोडेड गाड़ियों को पकड़ने के लिए अपने ऑफिस से निकले तो सड़क पर चल रही ओवरलोडेड गाड़ियों को या तो किसी होटल पर खड़ा कर दिया जाए या फिर उस रास्ते से ना जाए जहां पर RTA दफ्तर की ये दोनों गाड़ियां जा रही हैं । ट्रांसपोर्टर के इस Whatsapp Group में केवल उन्हीं लोगों को जोड़ा जाता है जिनको अपनी ओवरलोडेड गाड़ी को सरकारी अधिकारियों की नज़रों से बचाना है और उनकी लोकेशन चाहिए इसीलिए इस ग्रुप में जुड़ने के लिए 3 हज़ार रुपए लगते हैं । जानकारी मिली है कि इस ग्रुप में 300 मैंबर जुड़ें हुए हैं ।
इन GPS के जरिए गुरुग्राम RTA अधिकारियों की सरकारी गाड़ी की एक जासूस की तरह 24 घंटे निगरानी की जा रही थी हालांकि अभी ये पता नहीं चल पाया है कि ये GPS किसने और कब लगाए लेकिन इस घटना से एक बात साफ है कि ट्रांसपोर्ट माफिया आखिर इसीलिए धड्डले से गुरुग्राम की सड़कों पर दौड़ते थे । अब इस पूरे मामले की शिकायत शिवाजी नगर पुलिस थाने में शिकायत की गई है । थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है ।